Topmost Ayurvedic Clinic in India
A Complete Solution of Body, Mind and Soul by Ayurveda
Health is a multifaceted concept. It encompasses not only the absence of illness but also the physical, mental, and social well-being of an individual. A person can be free from disease but still experience poor mental health or social isolation, which can affect their overall quality of life. True well-being involves a balance across all aspects of life—physical fitness, mental resilience, emotional stability, and meaningful social connections. It’s all interconnected. Do you think society places enough emphasis on all these components, or is there room for improvement?

Why Choose S. S. Ayurveda?
We at S.S. Ayurvedic Clinic follow a holistic approach to ascertain the root cause of the disease so that the effects are
long-lasting and not short lived. To ensure the high quality and effectiveness of medicines,
we prepare our own range of pure herbal medicines.





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25 वर्षों से आयुर्वेद से रोग निवारण
आयुर्वेदाचार्य श्री बीजेन्द्र जागलान जी पिछले 25 वर्षों से आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज कर रहे हैं और उनकी विशेषज्ञता मुख्यतः जोड़ों के दर्द, दिमागी रोग, मधुमेह (शुगर), पेट रोग, चर्म रोग, नजला, श्वास रोग, और गुप्त रोगों के इलाज में है। इनकी विशेष पहचान इस बात से भी है कि ये शुद्ध देसी जड़ी-बूटियों का उपयोग करके खुद दवाइयाँ तैयार करते हैं और असाध्य रोगों का निवारण करते हैं।
श्री बीजेन्द्र जागलान जी हमेशा इलाज प्राकृतिक और पारंपरिक तरीके से करते है, जो शरीर के संतुलन को ठीक कर रोगों को जड़ से समाप्त करने में मदद करता है। वे पूरे भारत से आए मरीजों को अपनी चिकित्सा सेवा प्रदान करते हैं, और लोग इनसे इलाज करवा कर स्वास्थ्य में सुधार महसूस करते हैं। उनके उपचार से आम लोग अपने रोगों से मुक्ति पा रहे हैं और एक स्वस्थ जीवन जीने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
श्री बीजेन्द्र जागलान जी हमेशा इलाज प्राकृतिक और पारंपरिक तरीके से करते है, जो शरीर के संतुलन को ठीक कर रोगों को जड़ से समाप्त करने में मदद करता है। वे पूरे भारत से आए मरीजों को अपनी चिकित्सा सेवा प्रदान करते हैं, और लोग इनसे इलाज करवा कर स्वास्थ्य में सुधार महसूस करते हैं। उनके उपचार से आम लोग अपने रोगों से मुक्ति पा रहे हैं और एक स्वस्थ जीवन जीने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
Meet Our Team Of S.S. Ayurvedic Aushdhalaya
S.S. Ayurveda is focusing on enhancing the quality of the treatment that will aim to provide better and improved health
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया,
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुख भागभवेत।
आयुर्वेदिक पद्धति से असाध्य रोगों का इलाज
आयुर्वेद एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है, जो प्राकृतिक उपायों और जीवनशैली के सुधार के माध्यम से शरीर, मन, और आत्मा की संतुलन की ओर कार्य करती है। इसमें उपचार के लिए विभिन्न हर्बल दवाएं, आहार, व्यायाम, ध्यान, प्राणायाम और पंचकर्म जैसी प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाता है। आयुर्वेद का उद्देश्य केवल लक्षणों का इलाज करना नहीं, बल्कि शरीर के भीतर की असंतुलन को ठीक करके समग्र स्वास्थ्य की स्थिति को सुधारना है
आयुर्वेद के प्रमुख सिद्धांतों में त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) का महत्वपूर्ण स्थान है। प्रत्येक व्यक्ति का शरीर इन तीन दोषों के संतुलन पर निर्भर करता है, और किसी भी दोष का असंतुलन बीमारी का कारण बन सकता है।


आयुर्वेदिक उपचार की कुछ मुख्य विधियाँ:
हर्बल दवाएं – आयुर्वेद में पौधों और उनके अर्क का उपयोग किया जाता है जैसे तुलसी, अश्वगंधा, आंवला, हल्दी, गिलोय, इत्यादि। यह दवाएं शरीर की प्राकृतिक शक्ति को बढ़ाने और रोग प्रतिकारक क्षमता को सुदृढ़ करने में मदद करती हैं।
पंचकर्म – यह एक शारीरिक डिटॉक्स प्रक्रिया है, जिसमें पांच प्रमुख उपचारों का समावेश होता है: वमन (उल्टी), वात (एनिमा), रक्तमोक्ष (ब्लडलेटिंग), नस्य (नाक द्वारा औषधि का सेवन), और बस्ती (शरीर के अंदर औषधियों का प्रवेश)।
आहार और जीवनशैली सुधार – आयुर्वेद में यह माना जाता है कि भोजन और जीवनशैली का शरीर और मन पर गहरा असर पड़ता है। संतुलित आहार, समय पर भोजन, उचित निद्रा, और नियमित व्यायाम के माध्यम से शरीर के दोषों को संतुलित किया जाता है।
योग और प्राणायाम
आयुर्वेद और योग का समन्वय शरीर और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्राचीन आयुर्वेदिक परंपराओं में यह माना जाता है कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का सीधा संबंध है। योग और प्राणायाम न केवल शारीरिक लचीलापन और ताकत बढ़ाते हैं, बल्कि यह मानसिक शांति, तनाव मुक्ति, और ध्यान की स्थिति को भी सुदृढ़ करते हैं। प्राणायाम, जैसे कपालभाती और अनुलोम-विलोम, श्वसन प्रणाली को साफ करते हैं, रक्त संचार को बढ़ावा देते हैं और तनाव को कम करते हैं। इसके अलावा, आयुर्वेद में सही आहार और जीवनशैली का पालन करने की भी सलाह दी जाती है, जो योग और प्राणायाम के साथ मिलकर समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

